1. शुरुआती जीवन और प्रेरणा 🎯
असली नाम और गाँव: उनका पूरा नाम धर्मेंद्र केवल कृष्ण देयोल है। उनका जन्म 8 दिसंबर 1935 को पंजाब के लुधियाना जिले के साहनेवाल (नसराली नहीं, साहनेवाल गांव) में हुआ था।
शिक्षा और नौकरी:
उन्होंने 12वीं (इंटरमीडिएट) तक की पढ़ाई की। उन्हें फिल्मों का इतना जुनून था कि उन्होंने फ़िल्में देखने के लिए अपने गांव से मीलों दूर तक पैदल यात्रा की।
मुंबई आने से पहले, वह रेलवे में क्लर्क की नौकरी करते थे और उनकी सैलरी ₹125 रुपये महीना थी।
फिल्मी जुनून: वह अभिनेत्री सुरैया की फिल्म 'दिल्लगी' से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने इसे 40 दिनों तक लगातार देखा और इसी ने उन्हें फिल्मों में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।
2. परिवार और 6 बच्चे (विस्तृत जानकारी) 👨👩👧👦
धर्मेंद्र का परिवार बॉलीवुड के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित फिल्मी परिवारों में से एक है।
| पत्नी | बच्चे (नाम) | पेशा |
| प्रकाश कौर (पहली पत्नी) (विवाह: 1954) | सनी देओल (अजय सिंह) | सफल अभिनेता, निर्माता, निर्देशक, राजनेता |
| बॉबी देओल (विजय सिंह) | सफल अभिनेता | |
| विजेता देओल (गिल) | लाइमलाइट से दूर, निजी जिंदगी जीती हैं। | |
| अजीता देओल (चौधरी) | लाइमलाइट से दूर, कैलिफ़ोर्निया (USA) में शिक्षिका हैं। | |
| हेमा मालिनी (दूसरी पत्नी) (विवाह: 1980) | ईशा देओल (तख्तानी) | अभिनेत्री |
| अहाना देओल (वोहरा) | कथक नृत्यांगना, निर्देशक और लाइमलाइट से दूर हैं। |
प्रकाश कौर: वह हमेशा कैमरे और लाइमलाइट से दूर रहीं। धर्मेंद्र का शुरुआती फ़िल्मी सफर प्रकाश कौर के साथ ही शुरू हुआ।
हेमा मालिनी से शादी का विवाद: कहा जाता है कि हेमा मालिनी से शादी करने के लिए उन्होंने इस्लाम धर्म अपनाया, ताकि उन्हें अपनी पहली पत्नी को तलाक न देना पड़े (पहली पत्नी ने तलाक देने से मना कर दिया था)। हालांकि, धर्मेंद्र ने इस बात से इनकार किया था कि उन्होंने धर्म बदला।
नाती-पोते: धर्मेंद्र 13 से अधिक नाती-पोतों वाले एक भरे-पूरे परिवार के दादा-नाना हैं। उनके पोते करण देओल (सनी देओल के बेटे) ने भी अभिनय में कदम रखा है।
3. फ़िल्मी सफर और करियर 📽️
धर्मेंद्र का फ़िल्मी करियर छह दशकों से भी अधिक लंबा रहा है, जिसमें उन्होंने 300 से अधिक फिल्मों में काम किया। उन्हें 'ही-मैन' और 'एक्शन किंग' जैसे उपनामों से जाना जाता है।
बॉलीवुड में प्रवेश और शुरूआती दौर (1960s)
ब्रेक: 1958 में, उन्होंने फिल्मफेयर मैगज़ीन द्वारा आयोजित एक टैलेंट हंट प्रतियोगिता जीती, जिसके बाद वह अभिनय के सपने के साथ मुंबई आ गए।
पहली फिल्म: 1960 में अर्जुन हिंगोरानी की फ़िल्म 'दिल भी तेरा हम भी तेरे' से उन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया।
सफलता: शुरुआत में उन्होंने रोमांटिक और महिला-केंद्रित फिल्मों में काम किया। उनकी पहली बड़ी व्यावसायिक सफलता 'फूल और पत्थर' (1966) थी, जिसने उन्हें एक प्रमुख अभिनेता के रूप में स्थापित किया। इसके बाद उन्होंने 'शिकार' और 'आँखें' (1968) जैसी थ्रिलर फ़िल्में भी कीं।
स्वर्णिम युग: एक्शन और कॉमेडी (1970s & 1980s)
बहुमुखी प्रतिभा: 1970 के दशक में, वह अपनी मस्कुलर बॉडी, आकर्षक व्यक्तित्व और दमदार डायलॉग डिलीवरी के कारण एक्शन हीरो के तौर पर उभरे।
ब्लॉकबस्टर फ़िल्में: इस दौर में उनकी सबसे यादगार फ़िल्मों में 'मेरा गाँव मेरा देश' (1971), 'जुगनू' (1973), 'शोले' (1975) (जिसमें 'वीरू' का उनका किरदार आज भी अमर है), 'चुपके चुपके' (1975) (कॉमिक टाइमिंग का प्रदर्शन), और 'धरम वीर' (1977) शामिल हैं।
रोमांटिक जोड़ी: हेमा मालिनी, आशा पारेख और मुमताज के साथ उनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री बहुत लोकप्रिय थी।
निर्माता और हालिया फ़िल्में (1990s - Present)
निर्माण: उन्होंने विजयता फ़िल्म्स के तहत फ़िल्म निर्माण में भी कदम रखा और अपने बेटों सनी देओल को 'बेताब' (1983) और बॉबी देओल को 'बरसात' (1995) से लॉन्च किया।
पारिवारिक फ़िल्में: 2000 के दशक में, वह अक्सर अपने बेटों के साथ फ़िल्मों में दिखाई दिए, जैसे 'अपने' (2007) और 'यमला पगला दीवाना' श्रृंखला (2011)।
अंतिम उपस्थिति: उनकी हालिया फ़िल्मों में 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' (2023) और 'तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया' (2024) शामिल हैं। उनकी अंतिम फ़िल्म अमिताभ बच्चन के पोते अगस्त्य नंदा के साथ 'इक्कीस' होगी।
A. शुरुआती रोमांटिक युग (1960s)
डेब्यू: 'दिल भी तेरा हम भी तेरे' (1960)।
रोमांटिक रोल्स: शुरुआती दिनों में, उन्होंने नूतन, मीना कुमारी और माला सिन्हा जैसी दिग्गज अभिनेत्रियों के साथ काम किया।
नूतन के साथ: 'सूरत और सीरत', 'बंदिनी', 'दिल ने फिर याद किया'।
मीना कुमारी के साथ: 'फूल और पत्थर', 'काजल', 'पूर्णिमा'।
ब्रेकथ्रू: 'फूल और पत्थर' (1966) उनकी पहली सोलो हिट थी। इस फिल्म में वह पहली बार शर्टलेस (Shirtless) दिखे, जिसके बाद उन्हें 'ही-मैन' का उपनाम मिला।
B. एक्शन और कॉमेडी का स्टारडम (1970s - 1980s)
एक्शन किंग: 1970 के दशक में, वह एक्शन हीरो बन गए। 'मेरा गांव मेरा देश' (1971) और 'जुगनू' (1973) ने उनकी इस छवि को मजबूत किया।
सर्वकालिक ब्लॉकबस्टर: 'शोले' (1975) में उनका 'वीरू' का किरदार एक आइकॉनिक किरदार बन गया, जो आज भी हिंदी सिनेमा में अमर है।
कॉमेडी: एक्शन के साथ उन्होंने कॉमेडी में भी महारत हासिल की। 'चुपके चुपके' (1975) और 'प्रतिज्ञा' (1975) जैसी फिल्मों में उनकी कॉमिक टाइमिंग कमाल की थी।
हेमा मालिनी के साथ हिट जोड़ी: उन्होंने हेमा मालिनी के साथ 20 से अधिक फिल्मों में काम किया। उनकी लोकप्रिय फिल्में थीं: 'सीता और गीता', 'चरस', 'आजाद', और 'ड्रीम गर्ल'।
C. निर्माता और पुनरागमन (1990s - 2020s)
प्रोडक्शन हाउस: उन्होंने अपने प्रोडक्शन हाउस 'विजयता फ़िल्म्स' की शुरुआत की।
पुत्रों का लॉन्च:
सनी देओल: 'बेताब' (1983)
बॉबी देओल: 'बरसात' (1995)
देओल तिगड़ी: 2007 में आई फिल्म 'अपने' में वह पहली बार अपने दोनों बेटों के साथ पर्दे पर दिखे। इसके बाद यह तिकड़ी 'यमला पगला दीवाना' (2011) सीरीज़ में भी नज़र आई।
हालिया काम: 80 के दशक के बाद उन्होंने सहायक और चरित्र भूमिकाएं निभानी शुरू कर दीं।
'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' (2023) में शबाना आजमी के साथ उनका किसिंग सीन काफी चर्चा में रहा।
'तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया' (2024)।
4. अभिनय के अलावा अन्य पहलू 🌾
धर्मेंद्र ने केवल अभिनय तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने कई अन्य क्षेत्रों में भी अपनी पहचान बनाई:
A. निर्माता और निर्देशक 🎥
उन्होंने विजयता फ़िल्म्स के बैनर तले कई सफल फिल्मों का निर्माण किया, जिसने उनके बेटों को इंडस्ट्री में स्थापित करने में मदद की।
B. राजनीति 🗳️
पार्टी: भारतीय जनता पार्टी (BJP)
सीट: 2004 में, उन्होंने राजस्थान के बीकानेर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और संसद सदस्य के रूप में जीत हासिल की। हालांकि, उन्हें अपने राजनीतिक करियर में ज्यादा सफलता नहीं मिली और उन्होंने बाद में राजनीति को छोड़ दिया।
C. कृषि और फार्महाउस 🏡
धर्मेंद्र फिल्मों से दूर लोनावाला (मुंबई के पास) स्थित अपने विशाल और शांत फार्महाउस में समय बिताना पसंद करते हैं।
वह एक किसान परिवार से आते हैं और कृषि से गहरा लगाव रखते हैं। वह अक्सर सोशल मीडिया पर अपने फार्महाउस, खेती और पशुओं के साथ तस्वीरें और वीडियो साझा करते हैं, जो उनकी सादगी को दर्शाता है।
उन्हें एक कवि के तौर पर भी जाना जाता है और वह अक्सर अपनी कविताएं और विचार साझा करते हैं।
सम्मान, पुरस्कार और राजनीति 🏆
फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार:
लाइफ़टाइम अचीवमेंट अवार्ड: 1997 में हिंदी सिनेमा में उनके योगदान के लिए।
उन्हें 4 बार फ़िल्मफ़ेयर बेस्ट एक्टर के लिए नामांकित किया गया।
राष्ट्रीय सम्मान:
पद्म भूषण: 2012 में भारत सरकार द्वारा दिया गया तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान।
राजनीतिक करियर:
पद: उन्होंने 2004 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार के रूप में राजस्थान के बीकानेर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और संसद सदस्य (14वीं लोकसभा) के रूप में 2009 तक सेवा की।
दुःखद निधन (हालिया अपडेट)
नोट: 11 नवंबर 2025 की सुबह, अभिनेता धर्मेंद्र के निधन की खबरें सामने आईं, हालांकि, उनकी बेटी ईशा देयोल और परिवार ने इन खबरों का खंडन करते हुए कहा कि वह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में स्थिर हैं और उनका इलाज चल रहा है। वह 89 वर्ष के थे।
धर्मेंद्र जी का जीवन संघर्ष, रोमांस, एक्शन और अंततः हिंदी सिनेमा के इतिहास पर एक अमिट छाप छोड़ने वाला रहा है। उनकी विरासत उनके बेटों और बेटियों के माध्यम से फ़िल्म उद्योग में जीवित है।
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