🚨 दिल्ली का दिल दहला देने वाला लाल किला कार ब्लास्ट (नवंबर 2025): हर छोटी-बड़ी जानकारी

Red Fort Car Blast 2025: Get all details of the Delhi Terror Attack, the Faridabad Module conspiracy, and the Dr. Umar Mohammed suicide plot. 9+ dead.

💣 लाल किले के पास कार में भीषण धमाका: जब फिर दहल उठी दिल्ली की ‘दिल की धड़कन’

लाल किला, सिर्फ एक ऐतिहासिक इमारत नहीं, बल्कि देश की राजधानी दिल्ली की 'दिल की धड़कन' है। जब भी इस प्रतिष्ठित स्थान के आस-पास कोई अनहोनी होती है, तो उसका असर पूरे देश में महसूस किया जाता है। हाल ही में, लाल किला मेट्रो स्टेशन के करीब हुए एक भीषण कार धमाके ने एक बार फिर दिल्ली को हिलाकर रख दिया और पुरानी, खौफनाक यादें ताजा कर दीं।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर 2025 की शाम को हुए एक भीषण कार विस्फोट ने देश को स्तब्ध कर दिया है। यह एक ऐसा आतंकी हमला था, जिसने न सिर्फ लोगों की जान ली, बल्कि राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए।

आइए, इस घटना और लाल किले से जुड़ी पिछली आतंकी वारदातों की छोटी से छोटी जानकारी पर एक नज़र डालते हैं:

विवरणजानकारी
समयसोमवार, 10 नवंबर 2025, शाम 6:52 बजे (लगभग 7:00 बजे)।
स्थानलाल किला मेट्रो स्टेशन का गेट नंबर 1 (Gate No. 1) और नेताजी सुभाष मार्ग पर स्थित सुभाष मार्ग ट्रैफिक सिग्नल के पास।
धमाके का माध्यमएक सफेद रंग की Hyundai i20 कार
धमाके की प्रकृतिदिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा के अनुसार, कार खड़ी नहीं थी, बल्कि रेड लाइट पर धीमी गति से चल रही थी तभी उसमें विस्फोट हुआ।
धमाके की तीव्रताविस्फोट इतना ज़ोरदार था कि कार के परखच्चे उड़ गए। इसकी आवाज़ कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई और आसपास की इमारतों के शीशे टूट गए
अन्य नुकसानविस्फोट के बाद भयंकर आग लग गई, जिसकी चपेट में आकर लगभग 6 कारें, 2 ई-रिक्शा और 1 ऑटो-रिक्शा पूरी तरह जलकर खाक हो गए।

🚨 घटना का विवरण (नवंबर 2025 का संदर्भ)

लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के ठीक पास, भीड़-भाड़ वाली शाम को एक सफेद रंग की I-20 कार में एक जबरदस्त विस्फोट हुआ।

  • समय और स्थान: शाम करीब 6:55 बजे, लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास।

  • धमाके की तीव्रता: विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इसकी गूंज 4 से 5 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। आईटीओ (ITO) स्थित पुलिस मुख्यालय तक भी इसकी आवाज पहुंची।

  • नुकसान:

    • आधिकारिक तौर पर 8 से 10 लोगों की मौत की पुष्टि हुई और 20 से अधिक लोग घायल हुए।

    • विस्फोट के तुरंत बाद आग लग गई, जिसकी चपेट में आकर लगभग दो दर्जन से अधिक अन्य वाहन जलकर खाक हो गए या बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।

    • आसपास की दुकानों के शीशे चटक गए, स्ट्रीट लाइटें गिर गईं और पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।

  • जाँच का एंगल: केंद्रीय जाँच एजेंसियों और दिल्ली पुलिस ने इसे आतंकी साज़िश के एंगल से देखा। शुरुआती जाँच में कार में अमोनियम नाइट्रेट जैसे उच्च तीव्रता वाले विस्फोटक का इस्तेमाल होने का शक जताया गया।

  • संदिग्ध कनेक्शन: इस हमले के तार फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल से जुड़े होने का संदेह है। जाँच एजेंसियों को शक है कि यह एक आत्मघाती (फिदायीन) हमला हो सकता है।

II. हताहतों का आधिकारिक आँकड़ा

यह हमला बेहद जानलेवा साबित हुआ, क्योंकि यह समय शाम की भीड़-भाड़ वाला था।


श्रेणीसंख्या (नवीनतम जानकारी के अनुसार)
मृत्यु9 से 13 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। अधिकांश रिपोर्ट्स 9 से 10 का आंकड़ा दे रही हैं।
घायल20 से 29 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है।
उपचारसभी घायलों को लोक नायक जय प्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल और राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

विशेष नोट: मृतकों में वे लोग भी शामिल थे जो या तो कार के अंदर मौजूद थे या पास से गुज़र रहे थे। घायलों में राहगीर, ऑटो-रिक्शा चालक और आसपास के दुकानदार शामिल हैं।


III. जाँच और आतंकी कनेक्शन
IV. सरकार और पुलिस की त्वरित कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में आतंकी एंगल की पुष्टि की है और यह अब एक आतंकी साज़िश के तौर पर देखा जा रहा है।

  • धाराएं (FIR): दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अवैध गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और विस्फोटक अधिनियम (Explosives Act) की संबंधित धाराओं के तहत FIR दर्ज की है।

  • संदिग्ध: पुलिस को शक है कि कार का उपयोग करने वाला शख्स फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़ा डॉ. उमर मोहम्मद हो सकता है। उमर का संबंध जम्मू-कश्मीर के पुलवामा से बताया जा रहा है।

  • कनेक्शन: यह विस्फोट फरीदाबाद में कुछ दिन पहले पकड़े गए एक आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा है, जहाँ से भारी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट (एक उच्च तीव्रता वाला विस्फोटक) बरामद हुआ था। जांच एजेंसियों का मानना है कि यह आत्मघाती (Fidayeen) हमला हो सकता है।

  • जाँच एजेंसियाँ: घटना की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG), राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA), फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल मिलकर गहन जाँच कर रही हैं।

धमाके के तुरंत बाद केंद्र और राज्य सरकार, दोनों ने त्वरित कार्रवाई की।

  • हाई अलर्ट: दिल्ली-एनसीआर (NCR) से लेकर मुंबई, उत्तर प्रदेश और हरियाणा तक के प्रमुख शहरों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।

  • सरकारी प्रतिक्रिया:

    • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति का जायजा लिया और गृह मंत्री अमित शाह से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि साजिशकर्ताओं को बख्शा नहीं जाएगा।

    • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तुरंत मौके और अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने पुलिस को सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए गहन जांच करने के निर्देश दिए हैं।

    • दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घायलों के लिए हर संभव मदद सुनिश्चित करने का वादा किया और लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की।

    • गृह मंत्रालय ने आज सुबह (11 नवंबर) एक उच्च-स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक बुलाई है।

  • सुरक्षा उपाय:

    • लाल किला को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया गया है।

    • मेट्रो स्टेशनों और रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

    • दिल्ली पुलिस ने 700-800 मीटर के दायरे में सड़कों को सील कर दिया है और सीसीटीवी फुटेज खंगालने का काम शुरू कर दिया है।

यह भयानक हमला एक बार फिर देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती है।

⏳ लाल किले पर पहले भी हो चुके हैं बड़े हमले

लाल किला क्षेत्र पहले भी आतंकियों के निशाने पर रहा है।

1. लाल किला सैन्य शिविर पर हमला (22 दिसंबर 2000)

  • यह लाल किले के भीतर हुआ एक बड़ा आतंकवादी हमला था, जिसे लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकवादियों ने अंजाम दिया था।

  • घटना: 6 हथियारबंद आतंकियों ने लाल किले के अंदर स्थित सैन्य शिविर पर हमला कर अंधाधुंध गोलीबारी की थी।

  • नुकसान: इस हमले में सेना के दो जवान (राइफलमैन उमा शंकर और नायक अशोक कुमार) सहित कुल तीन लोगों की मौत हुई थी।

  • दोषी और सज़ा: इस हमले का मास्टरमाइंड और एकमात्र दोषी मोहम्मद आरिफ उर्फ अशफाक था, जिसकी फांसी की सज़ा को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था।

2. लाल किला क्षेत्र में दोहरा विस्फोट (30 नवंबर 1997)

  • घटना: लाल किला क्षेत्र में एक ही दिन में दोहरे विस्फोट हुए थे।

  • नुकसान: इन विस्फोटों में 3 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 70 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

3. लाल किले के पास छोटे विस्फोट (18 जून 2000)

  • 22 दिसंबर के बड़े हमले से पहले, 18 जून 2000 को भी लाल किले के निकट दो छोटे शक्तिशाली विस्फोट हुए थे, जिनमें एक मासूम बच्ची समेत 2 लोगों की जान चली गई थी।

🛑 सबक और सुरक्षा चुनौतियाँ

हालिया कार धमाके ने एक बार फिर दिल्ली के खुफिया तंत्र की विफलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 14 साल बाद राजधानी में इतना बड़ा धमाका होना दिखाता है कि देश भर में कई आतंकी मॉड्यूल अभी भी सक्रिय हैं।

  • बड़ी चुनौती: भीड़-भाड़ वाले बाजारों और पर्यटन स्थलों के आस-पास व्हीकल-बॉर्न इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (VBIED) हमलों को रोकना एक बड़ी सुरक्षा चुनौती है।

  • आगे क्या: पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां अब हमले के पीछे की पूरी साज़िश का पर्दाफाश करने और दिल्ली व आस-पास के क्षेत्रों में सक्रिय आतंकी मॉड्यूल को खत्म करने में जुटी हैं।

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