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UP D.El.Ed |
यूपी डी.एल.एड (UP D.El.Ed) क्या है?
यूपी डी.एल.एड, जिसे पहले बी.टी.सी. (BTC - बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट) के नाम से जाना जाता था, उत्तर प्रदेश में एक डिप्लोमा कोर्स है। यह कोर्स प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा 1 से 8 तक) में शिक्षक बनने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह कोर्स शिक्षकों को शिक्षण पद्धतियों, बाल मनोविज्ञान, कक्षा प्रबंधन और शिक्षा के विभिन्न पहलुओं में प्रशिक्षित करता है।
1. यूपी डी.एल.एड करने के लिए क्या-क्या चाहिए (आवश्यक दस्तावेज़ और प्रक्रिया):
डी.एल.एड में प्रवेश आमतौर पर एक राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट या कभी-कभी प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होता है। आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। आवश्यक दस्तावेज़ निम्नलिखित हो सकते हैं (यह हर वर्ष थोड़े बदल सकते हैं, इसलिए आधिकारिक अधिसूचना देखना महत्वपूर्ण है):
शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र:
- हाई स्कूल (10वीं) की मार्कशीट और प्रमाण पत्र।
- इंटरमीडिएट (12वीं) की मार्कशीट और प्रमाण पत्र।
- स्नातक (ग्रेजुएशन) की मार्कशीट और डिग्री (यदि लागू हो)।
- पहचान प्रमाण पत्र: आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड, या ड्राइविंग लाइसेंस।
- निवास प्रमाण पत्र: उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र (यदि आरक्षण का लाभ लेना है)।
- जाति प्रमाण पत्र: यदि आप आरक्षित श्रेणी (SC/ST/OBC) से संबंधित हैं।
- आय प्रमाण पत्र: आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के उम्मीदवारों के लिए या शुल्क में छूट के लिए।
- पासपोर्ट आकार के नवीनतम फोटोग्राफ।
- हस्ताक्षर की स्कैन की हुई कॉपी।
- आवेदन शुल्क भुगतान की रसीद।
- विशेष आरक्षण प्रमाण पत्र (यदि लागू हो): जैसे स्वतंत्रता सेनानी आश्रित, भूतपूर्व सैनिक, विकलांगता प्रमाण पत्र आदि।
प्रवेश प्रक्रिया:
- ऑनलाइन पंजीकरण: उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (UP Pariksha Niyamak Pradhikari) की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन पत्र भरना होता है।
- आवेदन शुल्क का भुगतान: निर्धारित शुल्क का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से करना होता है।
- मेरिट लिस्ट: आमतौर पर हाई स्कूल, इंटरमीडिएट और स्नातक में प्राप्त अंकों के आधार पर एक राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है।
- काउंसलिंग: मेरिट लिस्ट के आधार पर उम्मीदवारों को काउंसलिंग के लिए बुलाया जाता है, जहाँ वे अपनी पसंद के कॉलेज (DIET या निजी संस्थान) का चयन करते हैं।
- सीट आवंटन: मेरिट और वरीयता के आधार पर सीटें आवंटित की जाती हैं।
- दस्तावेज़ सत्यापन: आवंटित कॉलेज में मूल दस्तावेज़ों का सत्यापन होता है।
- प्रवेश पुष्टि: दस्तावेज़ सत्यापन और शुल्क जमा करने के बाद प्रवेश पक्का हो जाता है।
2. कोर्स डिटेल (Course Detail):
यह कोर्स प्राथमिक शिक्षा के लिए शिक्षकों को तैयार करने पर केंद्रित है। इसमें सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक प्रशिक्षण दोनों शामिल हैं।
मुख्य विषय: बाल विकास और सीखने की प्रक्रिया, शिक्षण अधिगम के सिद्धांत, शैक्षिक मूल्यांकन, विद्यालय प्रबंधन, विभिन्न विषयों (हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन) का शिक्षण शास्त्र, कला, संगीत, शारीरिक शिक्षा, समावेशी शिक्षा आदि।
प्रैक्टिकल: इसमें स्कूल इंटर्नशिप, पाठ योजना बनाना, शिक्षण अभ्यास, और विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों का आयोजन शामिल होता है।
3. योग्यता (Eligibility):
यूपी डी.एल.एड में प्रवेश के लिए सामान्य योग्यता मानदंड निम्नलिखित हैं:
शैक्षिक योग्यता:
- उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालय से स्नातक (ग्रेजुएशन) की डिग्री किसी भी स्ट्रीम (कला, विज्ञान, वाणिज्य) में उत्तीर्ण होना चाहिए।
- सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए स्नातक में न्यूनतम 50% अंक आवश्यक हो सकते हैं। आरक्षित श्रेणियों (SC/ST/OBC/PWD/Ex-Servicemen) के उम्मीदवारों को अंकों में नियमानुसार छूट मिलती है (आमतौर पर 5%)।
आयु सीमा:
- आमतौर पर न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम आयु 35 वर्ष होती है।
- आरक्षित श्रेणियों के लिए ऊपरी आयु सीमा में छूट दी जाती है। (उदाहरण के लिए, OBC को 3 वर्ष, SC/ST को 5 वर्ष)।
निवास:
- आमतौर पर उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना आवश्यक है।
4. अवधि (Tenure):
- यूपी डी.एल.एड कोर्स की अवधि 2 वर्ष है। यह कोर्स चार सेमेस्टर में विभाजित होता है, प्रत्येक सेमेस्टर 6 महीने का होता है।
5. जॉब प्रोफाइल (Job Profile):
डी.एल.एड कोर्स सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद उम्मीदवार निम्नलिखित भूमिकाओं के लिए पात्र हो जाते हैं:
सहायक अध्यापक (Assistant Teacher): उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा 1 से 5) और उच्च प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा 6 से 8) में।
शिक्षक (Teacher): निजी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में।
शिक्षा मित्र (Shiksha Mitra): (यदि सरकार द्वारा भर्ती की जाती है)।
अन्य शैक्षिक भूमिकाएँ जैसे ट्यूटर, एजुकेशनल कंसल्टेंट (अनुभव के साथ) आदि।
6. इसके बाद क्या करने से जॉब मिल सकती है (Further steps for job):
डी.एल.एड कोर्स पूरा करने के बाद सरकारी शिक्षक बनने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने होते हैं:
1. शिक्षक पात्रता परीक्षा (Teacher Eligibility Test - TET):
- यूपीटीईटी (UPTET - Uttar Pradesh Teacher Eligibility Test): यह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक पात्रता परीक्षा है। प्राथमिक स्तर (कक्षा 1-5) के लिए पेपर-I और उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा 6-8) के लिए पेपर-II उत्तीर्ण करना होता है।
- सीटीईटी (CTET - Central Teacher Eligibility Test): यह केंद्र सरकार (CBSE) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा है। यह भी राज्य सरकार की शिक्षक भर्तियों में मान्य होती है।
2. शिक्षक भर्ती परीक्षा (Teacher Recruitment Exam):
- टीईटी उत्तीर्ण करने के बाद, राज्य सरकार (उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद) द्वारा समय-समय पर सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए "सुपर टीईटी" (Super TET) या अन्य शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की जाती है।
- इस परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर अंतिम मेरिट लिस्ट बनती है, जिसमें अकादमिक रिकॉर्ड (10वीं, 12वीं, स्नातक, डी.एल.एड के अंक) और टीईटी/सुपर टीईटी के अंकों का वेटेज होता है।
3. काउंसलिंग और नियुक्ति: भर्ती परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को काउंसलिंग और दस्तावेज़ सत्यापन के बाद नियुक्ति पत्र मिलता है।
निजी स्कूलों में जॉब:
डी.एल.एड और टीईटी (वैकल्पिक, पर वरीयता दी जाती है) के आधार पर आप निजी स्कूलों में भी शिक्षक पद के लिए आवेदन कर सकते हैं।
7. क्या-क्या पढ़ना पड़ता है (Syllabus/Subjects):
डी.एल.एड का पाठ्यक्रम व्यापक होता है और इसे चार सेमेस्टर में विभाजित किया गया है। मुख्य विषय जो आमतौर पर पढ़ाए जाते हैं वे निम्नलिखित हैं (विषयों के नाम और क्रम में थोड़ा अंतर हो सकता है):
प्रथम सेमेस्टर:
- बाल विकास और सीखने की प्रक्रिया
- शिक्षण अधिगम के सिद्धांत
- कला एवं संगीत
- शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य
- सामाजिक अध्ययन शिक्षण
- हिंदी भाषा शिक्षण
- गणित शिक्षण
- संस्कृत/उर्दू भाषा शिक्षण (वैकल्पिक)
- कम्प्यूटर शिक्षा
द्वितीय सेमेस्टर:
- वर्तमान भारतीय समाज और प्रारंभिक शिक्षा
- प्रारंभिक शिक्षा के नवीन प्रयास
- विज्ञान शिक्षण
- अंग्रेजी भाषा शिक्षण
- गणित
- हिन्दी
- कार्य एवं शिक्षा
- समावेशी शिक्षा
- इंटर्नशिप/विद्यालय अनुभव कार्यक्रम
तृतीय सेमेस्टर:
- शैक्षिक मूल्यांकन, क्रियात्मक शोध एवं नवाचार
- विज्ञान शिक्षण (उच्च प्राथमिक स्तर)
- गणित शिक्षण (उच्च प्राथमिक स्तर)
- सामाजिक अध्ययन शिक्षण (उच्च प्राथमिक स्तर)
- हिंदी भाषा शिक्षण (उच्च प्राथमिक स्तर)
- संस्कृत/उर्दू भाषा शिक्षण (उच्च प्राथमिक स्तर - वैकल्पिक)
- कम्प्यूटर शिक्षा (उच्च प्राथमिक स्तर)
- कला एवं संगीत (उच्च प्राथमिक स्तर)
- इंटर्नशिप/विद्यालय अनुभव कार्यक्रम
चतुर्थ सेमेस्टर:
- आरंभिक स्तर पर भाषा के पठन-लेखन एवं गणितीय क्षमता का विकास
- शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशासन
- अंग्रेजी भाषा शिक्षण (उच्च प्राथमिक स्तर)
- शांति शिक्षा एवं सतत विकास
- विज्ञान, प्रौद्योगिकी, पर्यावरण अध्ययन शिक्षण
- इंटर्नशिप/विद्यालय अनुभव कार्यक्रम/प्रैक्टिकल
बहुत ही बारीकी से ध्यान देने योग्य बातें:
- आधिकारिक अधिसूचना: प्रवेश प्रक्रिया, योग्यता, आवश्यक दस्तावेज़ और पाठ्यक्रम की सबसे सटीक और नवीनतम जानकारी के लिए हमेशा उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी या संबंधित आधिकारिक वेबसाइट पर जारी की गई अधिसूचना को ध्यान से पढ़ें।
- मेरिट की तैयारी: चूंकि प्रवेश अक्सर मेरिट पर आधारित होता है, इसलिए आपके हाई स्कूल, इंटरमीडिएट और स्नातक के अंक महत्वपूर्ण होते हैं।
- टीईटी की तैयारी: डी.एल.एड करते समय या उसके तुरंत बाद टीईटी (UPTET/CTET) की तैयारी शुरू कर दें, क्योंकि यह सरकारी शिक्षक बनने के लिए अनिवार्य है।
- करंट अफेयर्स और सामान्य ज्ञान: शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में सामान्य ज्ञान और करंट अफेयर्स का भी महत्व होता है, इसलिए इसकी तैयारी भी करते रहें।
- निजी संस्थान: यदि आप निजी संस्थान से डी.एल.एड कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि वह राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) से मान्यता प्राप्त हो।
मुझे उम्मीद है कि यह विस्तृत जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी! यदि आपके कोई और प्रश्न हैं, तो आप पूछ सकते हैं।
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