पहलगाम: आतंकी हमले से 'OPERATION SINDHOOR' तक - एक विस्तृत विवरण
22
अप्रैल, 2025: पहलगाम के बैसरन घाटी में, जिसे 'मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से भी जाना
जाता है, एक कायराना
आतंकी हमला हुआ। आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 26 लोगों की जान चली
गई और 17 अन्य घायल
हो गए। हमलावरों ने पीड़ितों से उनकी धार्मिक पहचान पूछी और हिंदुओं को निशाना
बनाया। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली। भारत ने इस
हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया।
हमले का विवरण:
- हमला बैसरन घाटी में हुआ, जो पहलगाम से
लगभग 7 किमी
दूर है। यह क्षेत्र घने देवदार के जंगलों से घिरा हुआ है और पर्यटकों के लिए
एक लोकप्रिय स्थान है।
- हमलावरों ने M4
कार्बाइन और AK-47
राइफलों का इस्तेमाल किया और वे सैन्य शैली की वर्दी पहने हुए थे।
- हमले को अहमदाबाद के एक हिंदू पर्यटक ने गलती से
फिल्माया था, जो
हमले के दौरान जिपलाइनिंग कर रहा था।
- हमलावरों ने पर्यटकों के नाम और धर्म पूछे, और विशेष रूप
से हिंदुओं को निशाना बनाया। उन्होंने कुछ पर्यटकों को इस्लामिक कलमा सुनाने
के लिए भी कहा ताकि वे गैर-मुस्लिमों को अलग कर सकें।
- हमले में मारे गए लोगों में 25 पर्यटक और एक
स्थानीय व्यक्ति शामिल थे। मारे गए पर्यटकों में कई नवविवाहित जोड़े भी शामिल
थे।
तत्काल प्रतिक्रिया
और भारत के कदम:
- भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों में कटौती
की घोषणा की।
- 1960 की
सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया गया।
- अटारी सीमा चौकी को बंद कर दिया गया।
- पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं तत्काल प्रभाव
से निलंबित कर दी गईं और उन्हें 27
अप्रैल तक भारत छोड़ने का आदेश दिया गया।
- नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा
सलाहकारों को 'अवांछित
व्यक्ति' घोषित
कर दिया गया और उन्हें एक सप्ताह के भीतर देश छोड़ने के लिए कहा गया। भारत ने
इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से भी अपने रक्षा कर्मचारियों को वापस बुलाने
की घोषणा की।
- दोनों देशों के उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या
को 55 से
घटाकर 30 करने
का निर्णय लिया गया, जिसे 1 मई तक लागू
किया जाना था।
- सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने पंजाब के अटारी, हुसैनीवाला और सादकी में होने वाली रिट्रीट सेरेमनी के
दौरान प्रतीकात्मक हाथापाई को निलंबित कर दिया और गेट बंद रखने का निर्णय
लिया।
- भारत ने पाकिस्तान के साथ एक महत्वपूर्ण जल-साझाकरण
संधि को भी निलंबित कर दिया।
पाकिस्तान का खंडन
और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
पाकिस्तान ने हमेशा की तरह इस हमले में
अपनी भूमिका से इनकार किया। हालांकि,
भारत ने तकनीकी खुफिया सूत्रों के माध्यम से सबूत पेश किए, जो पहलगाम हमले में
TRF और लश्कर-ए-तैयबा
की संलिप्तता को दर्शाते थे। कई देशों ने इस आतंकी हमले की निंदा की और भारत के
प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
ऑपरेशन सिंदूर': भारत का जवाबी हमला:
पहलगाम हमले के ठीक 15 दिन बाद, 7 मई, 2025 की मध्यरात्रि को, भारतीय सेना के
तीनों अंगों ने मिलकर 'ऑपरेशन
सिंदूर' को अंजाम
दिया। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी
ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए गए। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने स्पष्ट
किया कि यह कार्रवाई पहलगाम में हुए आतंकी हमले की प्रतिक्रिया थी, जिसे उन्होंने
"मूल वृद्धि" करार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का जवाब गैर-बढ़ावा
देने वाला, सटीक, नियंत्रित और
लक्षित था, जिसमें
केवल आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया।
- ऑपरेशन सिंदूर के तहत, भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में
जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा
और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
- निशाना बनाए गए स्थानों में बहावलपुर में मरकज सुभान
अल्लाह और मुजफ्फराबाद में सैयदना बिलाल शिविर शामिल थे।
- यह ऑपरेशन सेना,
नौसेना और वायु सेना के समन्वित प्रयासों के माध्यम से किया गया था।
- भारतीय वायु सेना ने SCALP क्रूज मिसाइलों,
HAMMER सटीक-निर्देशित बमों और लोइटरिंग गोला-बारूद जैसे
उन्नत प्रणालियों का इस्तेमाल किया।
गिरफ्तारियां और
आगे की कार्रवाई:
पहलगाम हमले का समर्थन करने वालों के
खिलाफ भारत में कड़ी कार्रवाई की जा रही है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा
ने बताया कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई जारी है और अब तक 43 लोगों को गिरफ्तार
किया गया है। कुछ लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत भी कार्रवाई
की जाएगी।
- राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने औपचारिक
रूप से पहलगाम आतंकवादी हमले के मामले की जांच शुरू कर दी है।
- एनआईए की टीमों ने हमले के स्थल का दौरा किया है और
चश्मदीदों से पूछताछ की है।
- एनआईए ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी द रेजिस्टेंस
फ्रंट (TRF) के
शेख सज्जाद गुल नामक 50
वर्षीय कश्मीरी को मास्टरमाइंड के रूप में नामित किया है।
ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में निम्नलिखित स्थानों पर हमले किए:
- बहावलपुर (पाकिस्तान का पंजाब प्रांत): यहां
जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ माना जाता है। खबरों के अनुसार, यहां मरकज
सुभान अल्लाह को निशाना बनाया गया,
जो जैश का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह भी बताया गया कि इस हमले में
जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अज़हर के करीबी सहयोगी और परिवार के सदस्य मारे
गए।
- मुरीदके (पाकिस्तान का पंजाब प्रांत, लाहौर के
पास): यह
लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय है,
जहां मरकज-ए-तैयबा स्थित है। यह लश्कर का बेस कैंप माना जाता है।
- मुजफ्फराबाद (PoK):
यहां भी आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया। सैयदना बिलाल शिविर का
उल्लेख विशेष रूप से किया गया है।
- कोटली (PoK): इस क्षेत्र
में भी आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों पर हमले किए गए।
- गुलपुर (PoK)
- भीमबर (PoK)
- चक अमरू (पाकिस्तान)
- बाग (PoK)
- सियालकोट के पास एक गांव (पाकिस्तान)
भारत सरकार ने स्पष्ट किया कि ये हमले
केवल आतंकवादी बुनियादी ढांचे को लक्षित करते थे और किसी भी पाकिस्तानी सैन्य
प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया था। इन ठिकानों को लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और
हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से जोड़ा गया था, जो पहले भी भारत
में कई हमलों में शामिल रहे हैं।
ऑपरेशन सिंदूर' के बाद, पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में निम्नलिखित कदम उठाए:
पाकिस्तान की जवाबी
कार्रवाई:
- हवाई हमले का प्रयास: 7-8 मई, 2025 की रात को, पाकिस्तान ने
ड्रोन और मिसाइलों का उपयोग करके उत्तरी और पश्चिमी भारत में कई सैन्य
ठिकानों को निशाना बनाने का प्रयास किया। इनमें अवंतीपोरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, नल, फलोदी, उत्तरालाई और
भुज शामिल थे। हालांकि,
भारत के एकीकृत काउंटर यूएएस ग्रिड और वायु रक्षा प्रणालियों ने इन हमलों
को विफल कर दिया।
- सीमा पर गोलाबारी: पाकिस्तान ने
जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा,
बारामूला, उरी, पुंछ, मेंढर और
राजौरी सेक्टरों में नियंत्रण रेखा (LoC)
पर मोर्टार और भारी तोपखाने से अकारण गोलाबारी की तीव्रता बढ़ा दी। इस
गोलाबारी में 16 निर्दोष
नागरिक मारे गए, जिनमें
तीन महिलाएं और पांच बच्चे शामिल थे।
- भारतीय ड्रोन मार गिराने का दावा: पाकिस्तान की
सेना ने दावा किया कि उसने भारतीय वायु क्षेत्र में घुसने वाले 29 भारतीय ड्रोन
को मार गिराया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन ड्रोन का इस्तेमाल कराची
और लाहौर जैसे शहरों को निशाना बनाने के लिए किया गया था, जिसमें एक
नागरिक की मौत और चार पाकिस्तानी सैनिकों के घायल होने की बात कही गई।
भारत की जवाबी
कार्रवाई:
भारत ने पाकिस्तान की इन कार्रवाइयों
का जवाब देते हुए निम्नलिखित कदम उठाए:
- पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणालियों को निशाना बनाना: भारतीय
सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में कई स्थानों पर वायु रक्षा रडार और प्रणालियों
को निशाना बनाया। यह बताया गया कि लाहौर में एक वायु रक्षा प्रणाली को
निष्क्रिय कर दिया गया। भारत ने कहा कि यह कार्रवाई पाकिस्तान द्वारा भारतीय
सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के प्रयास के जवाब में उसी तीव्रता के साथ की
गई थी।
- सीमा पर जवाबी गोलाबारी: भारत ने LoC पर पाकिस्तानी
गोलाबारी का करारा जवाब दिया,
जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तानी मोर्टार और तोपखाने की फायरिंग को रोकने
में सफलता मिली।
भारत ने यह स्पष्ट किया है कि वह
गैर-बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है,
बशर्ते कि पाकिस्तानी सेना भी इसका सम्मान करे।
संक्षेप में, पाकिस्तान ने भारत
के भीतर सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की और सीमा पर गोलाबारी तेज कर दी, जबकि भारत ने
पाकिस्तानी हवाई हमलों को नाकाम करते हुए उनकी वायु रक्षा प्रणालियों को निशाना
बनाया और सीमा पर जवाबी गोलाबारी की।
पहलगाम: आतंकी हमले से 'ऑपरेशन सिंदूर' तक - एक विस्तृत सारांश
पहलगाम में आतंकी हमला: 22 अप्रैल, 2025
- तारीख और स्थान: 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम की बैसरन घाटी में यह कायराना आतंकी हमला हुआ।
- घटना: आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई और 17 अन्य घायल हो गए। हमलावरों ने पीड़ितों से उनकी धार्मिक पहचान पूछी और हिंदुओं को निशाना बनाया।
- जिम्मेदारी: इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया।
- पीड़ित: मारे गए लोगों में 25 पर्यटक और एक स्थानीय व्यक्ति शामिल थे।
भारत की तत्काल प्रतिक्रिया (23-27 अप्रैल, 2025):
- 23 अप्रैल, 2025: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पहलगाम हमले की जांच शुरू की।
- 24 अप्रैल, 2025: भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया और अटारी सीमा चौकी को बंद कर दिया।
- 25 अप्रैल, 2025: पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं निलंबित कर दी गईं और उन्हें भारत छोड़ने का आदेश दिया गया। नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा सलाहकारों को 'अवांछित व्यक्ति' घोषित किया गया।
- 27 अप्रैल, 2025: दोनों देशों के उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या कम करने का निर्णय लिया गया।
'ऑपरेशन सिंदूर': भारत का जवाबी हमला (7 मई, 2025)
- तारीख: 7 मई, 2025 की मध्यरात्रि को भारतीय सेना के तीनों अंगों ने मिलकर 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम दिया।
- उद्देश्य: यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की प्रतिक्रिया थी।
- कार्रवाई: इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए गए।
- लक्षित ठिकाने: भारतीय सेना ने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें बहावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह और मुजफ्फराबाद में सैयदना बिलाल शिविर जैसे प्रमुख ठिकाने शामिल थे।
- प्रयुक्त हथियार: भारतीय वायु सेना ने SCALP क्रूज मिसाइलों, HAMMER सटीक-निर्देशित बमों और लोइटरिंग गोला-बारूद जैसी उन्नत प्रणालियों का इस्तेमाल किया।
- भारत का रुख: भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसे "गैर-बढ़ावा देने वाला, सटीक, नियंत्रित और लक्षित" जवाबी हमला बताया, जिसका उद्देश्य केवल आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करना था।
गिरफ्तारियां और आगे की कार्रवाई (8-9 मई, 2025):
- असम के मुख्यमंत्री ने बताया कि पहलगाम हमले का समर्थन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई में 43 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
- एनआईए पहलगाम हमले की जांच कर रही है और उसने लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी TRF के शेख सज्जाद गुल को मास्टरमाइंड नामित किया है।
ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत की सैन्य कार्रवाई थी। इसका उद्देश्य पाकिस्तान और PoK में स्थित उन आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था, जिनका इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए किया जाता था। भारत ने इस कार्रवाई को आतंकवाद के खिलाफ अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रदर्शन बताया।
Also read this: -
Daily Current Affair👉Click Here UP Special👉Click Here
Static_GK👉Click Here Govt Report👉Click Here
Arithmetic👉Click Here
0 टिप्पणियाँ